मुअम्मा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुअम्मा संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. रहस्य । भेद । मुहा॰—मुअम्मा खुलना या हल होना=रहस्य खुलना । भेद प्रकट होना ।

२. पहेली । उ॰—ख्याल के बाहर की बातें भला कोई क्यों कर तोले । ताकत क्या है, मुअम्मा तेरा कोई हल कर जो लें ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ १९४ ।

३. घुमाव फिराव की बात । ऐसी बात जो जल्दी समझ में न आवे ।