रँड़पुरा पु † संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'रँड़ापा' । उ॰—कबहुँ न चढै़ रँड़पुरा जानै सब कोई । अजर अमर अविनासिया ताको नास न होई ।—मलूक॰, पृ॰ ३ ।