रँहचटा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रँहचटा संज्ञा पुं॰ [सं॰ रहस् अथवा हिं॰ रहस + चाट] मनोरथ- सिद्धि की लालसा । लालच । चस्का । उ॰—(क) ज्यौ ज्यौं आवत निकट निसि त्यौ त्यौ खरी उताल । झमकि झमकि टहलै करै लगी रँहचटे वाल ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) कन दैवो सौंप्यो ससुर बहू थुरहथी जानि । रूप रँहचटे लगि लग्यो माँगन सब जग आनि ।—बिहारी (शब्द॰) ।