रंगड़ा पु † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ रंग+ड़ा (प्रत्य॰)] दे॰ 'रंग' । उ॰— तेरे प्रेम की माती रे रंगड़ै राती हे ।—दूदू॰, पृ॰ ५०४ ।