रंजना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रंजना पु क्रि॰ स॰ [सं॰ रञ्जन]
१. प्रसन्न करना । आनंदित करना ।
२. भजना । स्मरण करना । उ॰— आदि निरंजन नाम ताहि रंजै सब कोऊ ।—सूर (शब्द॰) ।
३. रँगना । उ॰— यों सब के तन त्रानन में झलकी अरुणोदय की अरुनाई । अंतर ते जनु रंजन को रजपूतन की रज ऊपर आई ।—केशव (शब्द॰) ।