रंजी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रंजी पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ रजस्?]

१. रज । धूल । गर्द ।

२. दे॰ 'रजक ^२' । उ॰—रजी शास्तर ज्ञान की, अंग रही लपटाय । सतगुर एकहि शब्द से दीन्ही तुरत उड़ाय । दरिया॰ बानी, पृ॰ १ ।