रक्तबीज

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रक्तबीज संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. लाल बीजोंवाला दाड़िम । अनार । बीदाना ।

२. रीठा ।

३. राक्षस का नाम जो शुंभ और निशुंभ का सेनापति था । विशेष—देवी भागवत में लिखा है कि युद्ध के समय इसके शरीर से रक्त की जितनी बूँदें गिरती थीं, उतने ही नए राक्षस उत्पन्न हो जाते थे । इसलिये चंड़िका ने इसका रक्त पीकर इसे मार डाला था । यह भी कहा गाया है कि महिषासुर का पिता रंग दानव ही मरकर फिर रक्तबीज के रूप में उत्पन्न हुआ था ।