रसातल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रसातल संज्ञा पुं॰ [सं॰] पुराणानुसार पृथ्वी के नीचे के सात लोकों में से छठा लोक । विशेष— संज्ञा पुं॰ [सं॰] कहते है, इसकी भूमि पथरीली है और इसमें दैत्य, दानव तथा पणि या पाणि नाम के असूर, इंद्र के ड़र से, निवास करते है । विशेष दे॰ 'पाताल' । मुहा॰— रसातल में पहुँचाना=मटियामेट कर देना । मिटटी में मिला देना । बरवाद कर देना ।