राब

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

राब ^१ संज्ञा स्त्री॰ [पुं॰ द्रावक (=मोम)] आँच पर औटाकर खूब गाढ़ा किया हुआ गन्ने का रस जो गुड़ से पतला और शीरे से गाढ़ा होता है । इसी को साफ करके खाँड़ बनाई जाती है ।

राब ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] नाव में वह बड़ी लकड़ी जो उसकी पेंदी में लंबाई के बल एक सिर से दूसरे सिरे तक होती है । पहले यही लकड़ी लगाकर तब उसपर से अहार चढ़ाते हैं ।