रेह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

रेह ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ रेचक (= एक प्रकार की मिट्टी या भूमि)] खार मिली हुई वह मिट्टी जो ऊतर मैदानों में पाई जाती है । उ॰—(क) जावत खेह रेह दुनियाई । मेघ बूँद औ गगन तराई ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) जँह जँह भूमि जरी भइ रेहू । बिरह के बाह भई जनु खेहू ।—जायसी (शब्द॰) ।

रेह पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ रेख, प्रा॰ रेह] दे॰ 'रेखा' । उ॰—नव जल- धर तर चमकए रे जनि बीजुरि रेह ।—विद्यापति, पृ॰ ५ ।