लखाउ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लखाउ पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लखना]

१. लक्षण । पहचान । चिह्न । उ॰— (क) अउर एक तोहिं कहौं लखाऊ । मैं एहि भेस न आउब काऊ ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) बूझि भरत सतभाउ कुभाऊ । आयहु बेगि न होइ लखाऊ ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. चिह्न के रूप में दिया हुआ कोई पदार्थ । निशानी में दी हुई चीज । उ॰— कियो सीय प्रबोध मुँदरी दियो कपिहि लखाउ । उ॰—तुलसी (शब्द॰) ।