लटपटा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लटपटा ^१ वि॰ [हिं॰ लटपटाना] [वि॰ स्त्री॰ लटपटी]

१. गिरता पड़ता । लड़खड़ाता हुआ । निर्बलता या मद आदि के कारण इधर उधर झुकता हुआ । जैसे,—लटपटी चाल । उ॰—धूरि धौन तनु, नैननि अजन, चलत लटपटी चाल ।—सुर (शब्द॰) ।

२. जो ठीक बँधा न रहने के कारण ढीला होकर नीचे की ओर सरक आया हो । ढीलाढाला । जो चुस्त ओर दुरुस्त न हो । अस्तव्यस्त । बिना संवारा हुआ । उ॰— (क) लटपटी पाग उनींदे नैना डग डग डोलत डगमगात ।—सूर (शब्द॰) । (ख) सूर देखि लटपटी पाग पर जावत की छबि लाल ।—सूर (शब्द॰) ।

३. (शब्द आदि) जो स्पष्ट या ठीक क्रम से न निकले । टूटा फूटा । उ॰—ज्यों ज्यों बलकति बैन लटपटे कहति छबीली ।-व्यास (शव्द॰) ।

४. जो ठीक क्रम से न हो । अव्यवस्थित । अंडबंड । अटसर ।

५. थककर गिरा हुआ । हारा हुआ । अशक्त । बेवस । उ॰—तेरे मुँह फेरे मोसे कायर कपुत कूर लटे लटपटेनि को कौन परिगहैगी ।— तुलसी (शब्द॰) ।

लटपटा ^२ वि॰

१. जो लेई की तरह गाढ़ा हो । जो न पानी की तरह पतला हो और न बहुत अधिक गाढ़ा । लुटपुटा । जैसे,— लटपटी तरकारी ।

२. भींजा हुआ । गिंजा हुआ । मलादला हुआ । जो इधर उधर सुकड़ा हुआ हो, साफ या बराबर न हो । जिसमें शिकत या सिलवट पड़ी हो । (कपड़ा इत्यादि) । उ॰—त्रिबली पलोटन सलोट लटपटी सारी चोट चटपटा अटपटी चाल अटक्यो ।—सूर (शब्द॰) ।