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ललाम

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ललाम ^१ वि॰ [सं॰]

१. रमणीय । सुंदर । बढिया । उ॰—ठाढ़ो रूप ललाम लै सन्मुख मेरे भेट ।—शकुंतला, पृ॰ ९१ ।

२. लाल रंग का । सुर्खं । उ॰—श्याम पै /?/ औ ललामन पै स्याम ऐसी सोभा सुभ सुभित है नाना /?/ गुल की ।—गोपाल (शब्द॰) ।

३. श्रेष्ठ । बड़ा । प्रवान ।

४. मस्तक पर लक्षण से युक्त । चिह्नवाला (को॰) ।

ललाम ^२ संज्ञा पुं॰

१. भूपण । अलंकार । गहना ।

२. रत्न । उ॰— रामनाम ललित ललाम कियो लाखन को, बेड़ा कूर कायर कपूत कौड़ी आध को ।—तुलसी (शब्द॰) । यौ॰—वंद्रमाललाम=शिव, जिनका भूषण चंद्रमा है । उ॰— चपरि चढ़ायो चाप चंद्रमाललाम को ।—तुलसी (शब्द॰) ।

३. चिह्न । निशान ।

४. दंड और पताका । ध्वज ।

५. सींग । श्रृंग ।

६. घोड़ा ।

७. घोड़े या गाय के माथे पर का चिह्न । अर्थात् दूसरे रंग का चिह्न ।

८. घोड़े का गहना ।

९. प्रभाव ।

१०. घाड़े या सिंह की गर्दन पर का बाल । अयाल ।

११. कतार । पांक्त । श्रेणी (को॰) ।

१२. पुच्छ । दुन (को॰) ।

१३. तिलक । ललाट पर का तिलक (को॰) ।

ललाम ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ ललामन्]

१. आभूषण । साज सज्जा ।

२. अपने वर्ग म उत्कृटन वस्तु ।

३. सांप्रदायिक चिह्न वा तिलक ।

५. दे॰ 'ललाभ'—ओर १२ ।