लेस

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

लेस † ^१ वि॰ [सं॰ लेश] दे॰ 'लेश' । उ॰—(क) लरिका और पढ़त शाला में, तिनहिं करत उपदेश । हरि को भजन करो सबही मिलि और जगत सब लेस ।—सूर (शब्द॰) । (ख) राजा देन कहि दीन वन, माहिं न सो दुख लेस । तुम्ह बिन भरतहि भूषतिहि प्रजहि प्रचंड कलेस ।—तुलसी (शब्द॰) ।

लेस ^२ संज्ञा स्त्री॰ [अं॰]

१. कलाबत्तू या किनारे पर टाँकने की इसी प्रकार की और कोई पटरी । गाटा ।

२. बेल । यौ॰—लेसदार = (१) बेलदार । जिसपर बेल लगी हो । (२) गटिदार । जिसपर गोट टँकी हों ।