वाग्दत्ता

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वाग्दत्ता संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वह कन्या जिसके विवाह की बात किसी के साथ ठहराई जा चुकी हो, केवल विवाह संस्कार होने को बाकी हो । उ॰—यह विधि वाग्दत्ता कन्या के लिये है ।— प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ १९९ । विशेष—पूर्व काल में प्रथा थी कि कन्या का पिता जामाता के पास जाकर कहता था कि मैं अपनी कन्या तुम्हें दूँगा । इस प्रकार देने को कही हुई कन्या वाग्दत्ता कही गई है । आजकल इस प्रकार तो नहीं कहा जाता; पर बरच्छा या फलदान का टीका चढ़ाया जाता है ।