वारी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]वारी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. हाथी के बाँधने की जंजीर या अँडुआ ।
२. कलसी । छोटा गगरा । दे॰ 'वारि' ।
वारी ^२ वि॰ दे॰ 'वारा' ।
वारी ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ बालिका> प्रा॰ बालिआ> हिं॰ बरी] छोटी उम्र की बालिका उ॰—वारी सुकुमारी, दरिद्र जर्जर लस्त को ब्याह दी जाय । प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ १८७ ।
वारी ^४ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पारी, बारी] बारी । अवसर । समय । उ॰— साँकिया राज राँणा सकल, अकल पाँण छिलियौ असुर । लहरीस जाँण वारी लहै, गरज निवारी सीम गुर ।-रा॰ रू॰, पृ॰ १९ ।