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विक्षनरी:हिंदी–हिंदी शब्दकोश/य, र, ल

विक्षनरी से
शब्दव्याकरण-१व्या-२व्या-३व्या-४व्या-५अर्थ-१अर्थ-२अर्थ-३अर्थ-४अर्थ-५
यंत्रपुंलिंग----औज़ार, उपकरण।----
यथार्थपुंलिंग, विशेषण----जो अपने अर्थ (आशय, उद्देश्य भाव आदि) के ठीक अनुरूप हो, वास्तविक।----
यद्यपिअव्यय----यद्यपि, अगर ऐसा है।----
यशस्वीविशेषण----जिसका यश चारों ओर फैला हो।----
यहसर्वनाम, विशेषण----एक सर्वनाम जिसका प्रयोग वक्ता और श्रोता को छोड़कर निकट के और सब मनुष्यों तथा पदार्थो के लिए होता है।----
याअव्यय----विकल्प सूचक शब्द, अथवा ।----
याचकविशेषण, पुंलिंग----मांगने वाला, भिक्षुक।----
यातनास्त्रीलिंग----घोर कष्ट।----
यातायातपुंलिंग----एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते जाते रहने की क्रिया या भाव, आना-जाना।----
यादस्त्रीलिंग----स्मरण रखने की क्रिया या भाव।----
यानपुंलिंग----वह उपकरण या साधन जिसपर सवारं होकर यात्रा की जाती है अथवा माल ढोया जाता है।----
युक्तविशेषणविशेषण---किसी के साथ जुड़ा, मिला या लगा हुआ ;सम्मिलित।---
युगपुंलिंगपुंलिंग---काल, समय ;काल-गणना के विचार से कल्प के चार उप-विभाग (सत्य, त्रेता, द्वापर और कलि में से प्रत्येक।)---
युगलविशेषण, पुंलिंग----युग्म, जोड़ा।----
युग्मपुंलिंग----दो चीजे जो प्राय: या सदा साथ आती या रहती हों, जोड़ा।----
युद्धपुंलिंग----अस्त्र-शस्त्रों की सहायता से दो पक्षों में होने वाली लड़ाई, रण संग्राम।----
युवकपुंलिंग----जवान आदमी।----
योगदानपुंलिंग----किसी को सहायता देने, हाथ बंटाने की क्रिया या भाव।----
योगीपुंलिंग----वह जो योग की साधना करता हो।----
योग्यविशेषणविशेषण---काबिल, लायक, उपयुक्त, उचित, मुनासिब;योग्यता रखने वाला।---
योग्यतास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---योग्य होने की अवस्था या भाव, काब्लियत ;गुण।---
योजनास्त्रीलिंग----किसी कार्य को निष्पादित करने का प्रस्तावित कार्यक्रम (प्लान)।----
यौवनपुंलिंग----युवा या युवती होने की अवस्था या भाव।----
रंगपुंलिंग----वर्ण (कलर)।----
रंगनासकारात्मक क्रिया----रंग में डुबा कर किसी चीज को रंगीन करना।----
रंगमंचपुंलिंग----वह ऊँचा उठा हुआ स्थान जहाँ पर पात्र अभिनय करते हैं।----
रंभानाअकारात्मक क्रिया----गाय का मुँह से आवाज करना।----
रक्तपातपुंलिंग----लहू का गिरना या बहना, खून-खराबा।----
रक्षास्त्रीलिंग----ऐसा काम जो आक्रमण, आपद, नाश से बचने या बचाने के लिए किया जाता है, बचाव।----
रखनासकारात्मक क्रिया----किसी वस्तु पर या किसी वस्तु अथवा स्थान में स्थित करना।----
रगड़स्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---रगड़ने की क्रिया या भाव ;वह चिह्न जो किसी चीज से रगड़े जाने पर दिखाई देता है, खरोंच।---
रचनास्त्रीलिंग----बना कर तैयार की हुई चीज, कृति, साहित्यिक कृति, रचने की क्रिया या भाव।----
रजनीस्त्रीलिंग----रात, रात्रि----
रटनासकारात्मक क्रिया----कंठस्थ करना।----
रणपुंलिंग----लड़ाई, युद्ध।----
रत़िस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---काम क्रीड़ा ;साहित्य में श्रृगार रस का स्थायी भाव।---
रत्नपुंलिंग----बहूमूल्य पत्थर जो आभूषण आदि में जड़े जाते हैं।----
रफ़्तारस्त्रीलिंग----चाल, गति।----
रमणीस्त्रीलिंग----सुंदर नारी, युवती।----
रमणीकविशेषण----सुंदर, मनोहर।----
रविपुंलिंग----सूर्य।----
रश्मिस्त्रीलिंग----किरण।----
रसपुंलिंगपुंलिंग---शोरबा (जूस) ;मन में उत्पन्न होने वाला वह भाव जो काव्य आदि पढ़ने या देखने से होता है, काव्यानंद।---
रसायनपुंलिंग----उक्त क्रिया से तैयार की गई औषधि।----
रसीलाविशेषण----रस से भरा हुआ रसदार, स्वादिष्ट।----
रस्सापुंलिंग----मोटी डोरी (रोप)।----
रहटपुंलिंग----खेतों में सिंचाई के लिए कुँए से पानी निकालने का एक प्रकार का यंत्र (पर्शियन ह्वील)।----
रहस्यपुंलिंग----मर्म या भेद की बात, गुप्त बात।----
रहितविशेषण----के बिना, के विहीन।----
राक्षसपुंलिंग----निशाचर, दैत्य।----
राखस्त्रीलिंग----भस्म, किसी पदार्थ के बिल्कुल जले हुए अवशेष।----
रागपुंलिंगपुंलिंग---अनुराग, प्रेम।शास्त्रीय संगीत का विशिष्ट गान-प्रकार।---
राजपुंलिंगपुंलिंग---राज्य, राजकीय शासन ;मकान बनाने वाला कारीगर (मेसन)।---
राजकुमारपुंलिंग----राजा का पुत्र।----
राजचिह्नपुंलिंग----राजकाज के संबंध में उपयोग किया जाने वाला कोई भी चिह्न या साधन जो शासक के प्राधिकार का द्योतक हो।----
राजदूतपुंलिंग----किसी राजा या राज्य का दूत।----
राजद्रोहीपुंलिंग----वह जिसने राज्य सत्ता के विरूद्ध विद्रोह किया हो, बागी।----
राजधानीस्त्रीलिंग----किसी राज्य का वह नगर जो उसका शासन केन्द्र हो।----
राजनीतिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---वह नीति या पद्धति जिसके द्वारा किसी राज्य प्रशासन किया जाता है (स्टेट्मैनशिप)।गुटों, बर्गों आदि की पारस्परिक स्पर्धा वाली स्वार्थपूर्ण नीति (पालिटिक्स)।---
राजभाषाविशेषण----किसी देश की वह भाषा जो राजकार्यों तथा न्यायालयों आदि के प्रयोग में आती हो।----
राजमार्गपुंलिंग----मुख्य मार्ग, राजपथ।----
राजस्वपुंलिंग----वह धन जो एक राजा या राज्य को आधिकारिक रूप से मिलता हो।----
राजापुंलिंग----वह व्यक्ति जो किसी राज्य या भूखण्ड का पूरा मालिक हो, नृपति, भूपति।----
रात्रिस्त्रीलिंग----रात, निशा।----
राशिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--किसी पदार्थ का समूह ;गणित में कोई ऐसी संख्या जिसके संबंध में जोड़, गुणा, भाग आदि क्रियाऍ की जाती हैं ;ज्योतिष शास्त्र के अन्तर्गत क्रांति वृत्त में पड़ने वाले 12 तारा समूहों में से कोई एक।--
राष्ट्रपुंलिंग----राज्य, देश, किसी निश्चित और विशिष्ट क्षेत्र में रहने वाले लोग जिनकी भाषा और रीति-रिवाज एक से होते हैं।----
राष्ट्रगानपुंलिंग----किसी राष्ट्र या देश का मान्यता प्राप्त विशिष्ट गीत जो राष्ट्रीय उत्सवों पर गाया जाता हो।----
राष्ट्रध्वजपुंलिंग----किसी भी एक राष्ट्र या देश का मान्यता प्राप्त विशिष्ट झंडा।----
राष्ट्रभाषास्त्रीलिंग----राष्ट्र की ऐसी भाषा जिसका प्रयोग उसके निवासी सार्वजनिक कामों के लिए करते हों।----
राष्ट्र मंडलपुंलिंग----ब्रिटेन तथा ऐसे स्वतंत्र राष्ट्रों का मंडल, जो कभी ब्रिटेन के अधीन थे (कामनवेल्थ)।----
राष्ट्रवादीपुंलिंगविशेषण---राष्ट की उन्नति और सम्पन्नता में विश्वास रखने वाला व्यक्ति।राष्ट्रवाद से संबंधित।---
राष्ट्रीकरणपुंलिंग----राष्ट्रीय या सरकारी अधिकार क्षेत्र में लेने की क्रिया या भाव।----
रास्तापुंलिंग----मार्ग, पथ।----
रिमझिमस्त्रीलिंग----फुहार पड़ना, छोटी-छोटी बूंदों का बरसना।----
रिवाजपुंलिंग----प्रथा, चलन।----
रिश्वत खोरीस्त्रीलिंग----घूस लेने की क्रिया।----
रीझनाअकारात्मक क्रिया----मोहित होना, किसी पर प्रसन्न होना।----
रीतिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---प्रथा, रिवाज;काम करने का विशिष्ट ढंग या तरीका, कायदा।---
रुकनाअकारात्मक क्रिया----ठहरना, थमना।----
रुकावटस्त्रीलिंग----विघ्न, बाधा, अटकाव।----
रुचनाअकारात्मक क्रिया----रुचि के अनुकूल प्रतीत होना, अच्छा लगना, भाना।----
रुचिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---इच्छा;दिलचस्पी।---
रुपयापुंलिंग----सौ पैसे के मूल्य का सिक्का या नोट।----
रुष्टविशेषणविशेषण---रोष से भरा हुआ, क्रुद्ध ;रूठा हुआ, अप्रसन्न।---
रूखाविशेषणविशेषण---जिसमें चिकनाहट का अभाव हो ;शुष्क, नीरस।---
रूठनाअकारात्मक क्रिया----रुष्ट या अप्रसन्न होना।--
रूढ़िस्त्रीलिंग----परम्परा से चली आई कोई ऐसी प्रथा जिसे साधारणतया सभी लोग मानते हों।----
रूपकपुंलिंगपुंलिंग---ऐसी साहित्यिक रचना जिसका अभिनय हो सके, नाटक ;साहित्य में एक प्रकार का अर्थालकांर (मेटाफर)।---
रूप रेखास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---रेखाओं द्वारा ऐसा अंकन जिससे किसी के रूप का स्थूल ज्ञान होता हो (स्केच);किसी कार्य या बात का संक्षिप्त रूप (आउटलाइन)।---
रूपान्तरपुंलिंग----रूप-परिवर्तन।----
रेंगनाअकारात्मक क्रिया----पेट के बल खिसकना (टू क्रॉल, क्रीप)।----
रेखागणितपुंलिंग----ज्यामिति (जिआमिट्री)।----
रेखाचित्रपुंलिंग----केवल रेखाओं से बनाया गया कोई चित्र या आकृति (स्केच)।----
रेज़गारीस्त्रीलिंग----छोटे सिक्के, छुट्टा (चेंज)।----
रेतस्त्रीलिंग----बालू।----
रेलगाड़ीस्त्रीलिंग----भाप, बिजली आदि की सहायता से लोहे की पटरियों पर चलने वाली गाड़ी (रेलवे ट्रेन)।----
रोकस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---प्रतिबंध (बैन) ;रोकने (बाधा डालने या निषेध करने) की क्रिया या भाव।---
रोकथामस्त्रीलिंग----किसी प्रवृत्ति, रोग आदि के उन्मूलन तथा प्रसार आदि को रोकने के उपाय।----
रोगपुंलिंग----बीमारी।----
रोचकविशेषण----रुचाने या अच्छा लगने वाला, मनोरंजक।----
रोज़गारपुंलिंग----धंधा, पेशा, आजीविका का साधन।----
रोनाअकारात्मक क्रिया----आंसू बहाना, रुदन करना।----
रोमपुंलिंग----शरीर पर के बाल, रोंआं।----
रोलीस्त्रीलिंग----हल्दी और चूने के योग से बना एक प्रकार का चूर्ण जिससे तिलक लगाया जाता है।----
रोशनदानपुंलिंग----गवाक्ष, वातायन।----
रोषपुंलिंग----क्रोध, गुस्सा, कोप।----
रौंदनासकारात्मक क्रिया----किसी चीज को पैरों तले पीसना, कुचलना।----
रौनकस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---चमक-दमक, शोभा ;चहल-पहल, जमघट।---
लंगड़ानाअकारात्मक क्रिया----लंगड़ा कर चलना।----
लंगरपुंलिंगपुंलिंग---लोहे का बहुत भारी कांटा जिसे नदी, समुद्र आदि में गिरा कर जहाज आदि को रोक कर स्थिर किया जाता है।वह स्थान जहाँ पका हुआ भोजन गरीबों व आगुन्तुकों में बांटा जाता है तथा इस प्रकार बांटा जाने वाला भोजन।---
लंपटविशेषण----कामी, विषयी।----
लंबाविशेषणविशेषण---जो अधिक ऊँचा हो ;अधिक विस्तार वाला, दीर्घकायिक।---
लकड़ीस्त्रीलिंग----कटे पेड़ का कोई भी सूखा भाग, शाख टहनी आदि।----
लकीरस्त्रीलिंग----रेखा (लाइन)।----
लक्षणपुंलिंगपुंलिंग---किसी वस्तु या व्यक्ति में होने वाला कोई ऐसा गुण या विशेषता जो सहसा औरों में दिखाई न देती हो (फीचर्ज़, केरेक्टरिसटिक्स)।शरीर में दिखाई पड़ने वाले वे चिह्न आदि जो किसी रोग के सूचक हों या सामुद्रिक के अनुसार शुभाशुभ के सूचक हों।---
लक्षणास्त्रीलिंग----वह शब्द शक्ति जो सामान्य अर्थ से अन्य अर्थ प्रकट करती हो।----
लक्ष्मण-रेखास्त्रीलिंग----ऐसी रेखाकार सीमा जो किसी प्रकार लांघ कर पार न की जा सकती हो।----
लक्ष्मीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---धन-सम्पत्ति, दौलत ;शोभा, श्री।---
लक्ष्यपुंलिंगपुंलिंग---निशाना ;अभीष्ट वस्तु, उद्देश्य।---
लखपतिपुंलिंग----लाखों रुपये का मालिक, बहुत अमीर व्यक्ति।----
लगनस्त्रीलिंगपुंलिंग---मन का किसी ओर लगना, धुन, लौ।विवाह या अन्य शुभ कार्य का महूर्त्त।---
लगानपुंलिंग----सरकार को मिलने वाला भूमि कर, भूकर।----
लगानाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---जोड़ना, संलग्न करना ;रोपना।---
लगामस्त्रीलिंग----बाग, रास।----
लगावपुंलिंगपुंलिंग---स्नेह ;दिलचस्पी।---
लघुतमविशेषण----सबसे छोटा।----
लचकनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---दबाव आदि पड़ने के कारण किसी लंबीं चीज का मध्य भाग पर से कुछ झुकना या मुड़ना ;चलते समय कमर का थोड़ा झुकना या मुड़ना।---
लजानाअकारात्मक क्रिया----लाज या शर्म से सिर नीचा करना, शर्माना, लज्जित होना।----
लज्जास्त्रीलिंग----लाज, शर्म, हया।----
लटकनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---ऊँची जगह से नीचे की ओर अवलम्बित होना ;काम पूरा न होना, देर होना।---
लट्टूपुंलिंग----लकड़ी का एक खिलौना जिसके मध्य में कील जड़ी रहती है जो चलाए जाने पर उक्त कील पर घूमने या चक्कर लगाने लगता है (स्पिनिंग टॉप)।----
लड़कपनपुंलिंगपुंलिंग---बाल्यवस्था, बचपन ;बचकाना आचरण।---
लड़कापुंलिंगपुंलिंग---बालक, जो अभी युवक न हुआ हो।पुत्र।---
लड़खड़ानाअकारात्मक क्रिया----चलते समय सीधे न रह सकने के कारण इधर-उधर झुकना, डगमगाना।----
लड़नाअकारात्मक क्रिया----लड़ाई करना, भिड़ना, झगडना।----
लतास्त्रीलिंग----जमीन पर या किसी आधार पर फैलने वाला पौधा, बेल।----
लदनाअकारात्मक क्रिया----बोझ या भार से युक्त होना।----
लपकनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---सहसा तेजी से या फुर्ती से आगे बढ़ना;फैंकी गई किसी वस्तु को जमीन पर गिरने से पूर्व पकड़ लेना।---
लपटस्त्रीलिंग----आग की लौ, ज्वाला।----
लपेटनाअकारात्मक क्रिया----सूत, कपड़े आदि को किसी चीज़ के चारों ओर फेरा देकर बांधना।----
लयपुंलिंगस्त्रीलिंग---एक वस्तु का दूसरी में विलीन होना, समा जाना।स्वर के आरोह-अवरोह का ढंग।---
ललकारस्त्रीलिंग----लड़ने के लिए प्रतिपक्षी को दी गई चुनौती।----
ललकारनाअकारात्मक क्रिया----विपक्षी को लड़ने की चुनौती देना।----
ललचानाअकारात्मक क्रिया----कोई चीज देखकर किसी के मन में लोभ का भाव जाग्रत होना।----
ललाटपुंलिंगपुंलिंग---माथा ;भाग्य।---
ललितविशेषण----मनोहर, सुंदर।----
लहरस्त्रीलिंग----हिलोर, मौज, तरंग (वेव)।----
लहरानाअकारात्मक क्रिया----हवा के झोंकों से हिलना डुलना।----
लहलहानाअकारात्मक क्रिया----हरा भरा होना, पनपना।----
लहू-लुहानविशेषण----खून से तर-बतर।----
लांघनासकारात्मक क्रिया----डम भर कर या छलांग लगाकर पार करना, फांदना।----
लांछनपुंलिंग----चरित्र पर धब्बा, कलंक।----
लाखविशेषणविशेषण---जो संख्या में सौ हज़ार हो।सौ हजार की अंकों में सूचक संख्या - 1,00,000।---
लागतस्त्रीलिंग----किसी पदार्थ के निर्माण में होने वाला खर्च।----
लाचारीस्त्रीलिंग----मजबूरी, असमर्थता, विवशता।----
लाड़-प्यारपुंलिंग----प्रेम पूर्ण व्यवहार, दुलार।----
लाभपुंलिंगपुंलिंग---प्राप्ति, लब्धि ;फायदा, नफा।---
लाभदायकविशेषण----जो लाभ कराता हो, लाभ देने वाला हो।----
लाभांशपुंलिंग----लाभ का वह अंश जो हिस्सेदारों को लगाई गई पूंजी के अनुपात में मिलाता हो (डिविडेन्ड)।----
लालपुंलिंगपुंलिंगविशेषण--छोटा और प्रिय बालक, प्यारा बच्चा, पुत्र, बेटा;माणिक नामक रत्न।रक्तवर्ण का, सुर्ख।--
लालचपुंलिंग----कोई वस्तु पाने की बहुत बड़ी इच्छा, लोभ।----
लालटेनस्त्रीलिंग----हाथ में लटकाने योग्य चिमनीदार लैंप, कंडील।----
लाशस्त्रीलिंग----किसी प्राणी का मृत शरीर, शव।----
लिपिस्त्रीलिंग----किसी भाषा के ध्वनि अक्षरों का समूह जो लिखनें में प्रयुक्त होता है (स्क्रिप्ट)।----
लीनविशेषणविशेषण---जो किसी में समा गया हो ;जो किसी काम में इस प्रकार लगा हुआ हो कि उसे और बातों का ध्यान न रहे, तन्मय।---
लीपनासकारात्मक क्रिया----किसी वस्तु पर गाढ़े या पतले तरल पदार्थ का लेप करना।----
लुटेरापुंलिंग----लूटने वाला, डाकू।----
लुभानाअकारात्मक क्रिया----आकृष्ट, मोहित या रागयुक्त होना, लालच में पड़ना।----
लूस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---गीष्म ऋतु में चलने वाली बहुत गर्म हवा ;ग्रीष्म ऋतु में गर्म हवा लग जाने से होने वाली एक बीमारी।---
लूटस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---जबरदस्ती छीनने की क्रिया ;लूट से मिलने वाला धन या सम्पत्ति।---
लेकिनअव्यय----परन्तु, किन्तु, मगर।----
लेखकपुंलिंग----पत्र-पत्रिका आदि के लिए लेख लिखने वाला या साहित्यिक ग्रंथ लिखने वाला।----
लेखा-जोखापुंलिंग----हिसाब-किताब।----
लेटनाअकारात्मक क्रिया----विश्राम करने के लिए लंबाई के बल पड़े रहना, पौढ़ना।----
लेन-देनपुंलिंगपुंलिंग---किसी को कुछ देने और उससे कुछ लेने का व्यवहार ;उधार लेने-देने का व्यवहार।---
लेनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---थामना, पकड़ना ;खरीदकर या उधार के रूप में प्राप्त करना।---
लेपपुंलिंगपुंलिंग---गीली या धोली हुई चीज जो किसी दूसरी चीज पर पोती जाने को हो ;शरीर पर लगाया जाने वाला उबटन आदि।---
लोक कथास्त्रीलिंग----लोक विशेषत: ग्राम्य लोगों में प्रचलित कोई प्राचीन गाथा (फोक टेल)।----
लोककलास्त्रीलिंग----अंचल विशेष में परम्परागत प्रचलित नृत्य, गीत आदि कलाएँ।----
लोकगीतपुंलिंग----जनसाधारण में प्रचलित गीत (फ़ोक सौंग)।----
लोकप्रियविशेषण----जो जनसाधारण को प्रिय हो।----
लोक संगीतपुंलिंग----परम्परा से चला आया वह संगीत जो लोक में प्रचलित हो (फोक म्युजिक)।----
लोकापवादपुंलिंग----लोक निंदा, बदनामी।----
लोकोक्तिस्त्रीलिंग----लोक में प्रचलित बात, कहावत।----
लोभपुंलिंग----दूसरे की वस्तु की प्रबल कामना या लालसा, लालच।----
लोरीस्त्रीलिंग----बच्चो को सुलाने के लिए गाए जाने वाले गीत।----
लोहापुंलिंग----प्राय: काले रंग की एक प्रसिद्ध धातु जिससे अनेक प्रकार के अस्त्र उपकरण, यन्त्र आदि बनाए जाते हैं (आयरन)।----
लौस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---आग की लपट, ज्वाला ;लगन, धुन।---
लौकिकविशेषण----सांसारिक।----
लौटनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---वापस आना या जाना ;पीछे की ओर घूमना, मुड़ना।---