वितरेक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

वितरेक पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ व्यतिरेक] व्यतिरेक अलंकार । दे॰ 'व्यतिरेक' ।

वितरेक पु ^२ क्रि॰ वि॰ [सं॰ व्यतिरिक्त] छोड़कर । सिवा । उ॰— वितरेक तोहि निर्दय महाबल आनु कहु को कहि सकै ।— तुलसी (शब्द॰) ।