विशेषक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

विशेषक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. माथे पर लगाया जानेवाला तिलक । टीका ।

२. तिलक वृक्ष । तिलपुष्पी ।

३. चित्रक ।

४. साहित्य में एक प्रकार का पद्य जिसमें तीन श्लोकों या पदों में एक ही क्रिया रहती हैं; इस लिऐ उन तीनों श्लोकों या पद्यों का साथ ही अन्वय होता है ।

५. चंदन आदि है । सुंगंधित या रंगीन पदार्थों से मुख या शरीर पर रेखांकन करना (को॰) ।

६. भेद करनेवाला गुण । विशिष्टता (को॰) ।

७. विशेषोक्ति अलंकार (को॰) ।

विशेषक ^२ वि॰ विशेषता उत्पन्न करनेवाला । विशेष रुप देनेवाला ।