शंबुकावर्त

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शंबुकावर्त ^१ वि॰ [सं॰ शम्बुकावर्त] घाघे या छोटे शंख की भँवरी के सदृश घूमा हुआ ।

शंबुकावर्त ^२ संज्ञा पुं॰ पाँच प्रकार के भगंदरों में से एक प्रकार का भगंदर । विशेष—इसका कई प्रकार का वर्ण होता है और इसमें सदैव पीव बहा करता है । इसके फोड़ने से अनेक प्रकार की पीड़ा होती है । इसका फोड़ा गौ के थन के आकार का हो जाता है और उसका छिद्र घोघे के घेरे के समान घूमता हुआ होता है । इसे शंखावर्त भी कहते हैं ।