शक्तिपात संज्ञा पुं॰ [सं॰] शक्ति का क्षय । पराजय । २. योग दर्शन में एक आध्यात्मिक प्रक्रिया जिसके द्वारा गुरु अपनी आध्यात्मिक शक्ति शिष्य में स्थापित करता है [को॰] ।