शक्तिशोधन संज्ञा पुं॰ [सं॰] शाक्तों का एक संस्कार जिसमें वे किसी स्त्री को शक्ति की प्रतिनिधि बनाने से पहले कुल विशिष्ट क्रियाएँ करके उसे शुद्ध करते हैं ।