शोषक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

शोषक संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ शोषिका]

१. जल, रस या तरी खींचनेवाला । सोखनेवाला ।

२. सुखानेवाला । खुशक करनेवाला ।

३. घुलानेवाला । क्षीण करनेवाला ।

४. नाश करने वाला ।

५. दूर करनेवाला ।

६. समाज का वह व्यक्ति या वर्ग जो स्वलपतम मूल्य देकर परिश्रम करनेवालों के परिश्रम का फल भोगता हो । विशेष—मार्क्सवाद के अनुसार समाज दो वर्गों में विभक्त है । शोषक और शोषित । शोषक वह वर्ग है जो पैसा लगाकर दूसरों से काम कराकर मुनाफा कमाता है और सभी सुविधाओं का उपभोग करता है । जो वर्ग मजदूर है, मेहनत करता है और सुविधा से वंचित रहता है वह शोषित वर्ग है ।