श्यामा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

श्यामा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. राधा या राधिका का एक नाम, जो श्याम या श्रीकृष्ण के साथ उनका प्रेम होने के कारण पड़ा था । उ॰—मदनमोहन भाव जान्यो गगन मेघ छिपाइ । श्याम श्यामा गुप्त लीला ।—सूर (शब्द॰) ।

२. एक गोपी का नाम । उ॰—श्यामा कामा चतुरा नवला प्रसुदा सुमदा नारि ।—सूर (शब्द॰) ।

३. प्रायः सवा या डेढ़ बालिश्त लंबा एक प्रकार का पक्षी । विशेष—इसका रंग काला और पैर पीले होते हैं । यह पंजाब के अतिरिक्त सारे भारत में मिलता है । यह एक ही स्थान पर स्थिर रूप से रहता है और पहाड़ पर लहीं जाता । यह प्रायः घने जंगलों में रहता है । इसका स्वर बहुत ही मधुर और कोमल होता है । यह पत्ती घास से घोंसला बनाता है और एक बार में चार अंडे देता है ।

४. सोलह वर्ष की तरुणी । षोडशी ।

५. काले रंग की गाय ।

६. कबूतरी । मादा कबूतर ।—बृहत्॰, पृ॰ ४१० ।

७. कीला अनंतमूल । श्यामा लता ।

८. काली निसोथ ।

९. प्रियंगु । वनिता ।

१०. बकुची । सोमराजी ।

११. नील ।

१२. गूगुल ।

१३. सोम लता । सोमवल्ली ।

१४. भद्रमोथा ।

१५. गुडुच । गिलोय ।

१६. बंदा । बंदाक । बंझा ।

१७. कस्तुरी । मुश्क ।

१८. वटपत्री । पाषाणभेदी ।

१९. पीपल । पिप्पली ।

२०. हल्दी । हरिद्रा ।

२१. हरी दूब ।

२२. तुलसी । सूरसा क्षृप ।

२३. कमलगट्टा ।

२४. विधारा ।

२५. शिंशपा वृक्ष । शीशम ।

२६. सावाँ नामक अन्न ।

२७. काली गदहपुरना ।

२८. गोलोचन । गोरोचन ।

२९. एरका या गुंदा नामक घास ।

३०. लता कस्तुरी । मुश्क दाना ।

३१. मेढ़ासिंगी ।

३२. हरीतकी । हर्रे ।

३३. कोयल नामक पक्षी ।

३४. यमुना ।

३५. रात । रात्रि ।

३६. स्त्री । औरत ।

३७. श्याम वर्ण की स्त्री । साँवली औरत (को॰) ।

३८. वह स्त्री जिसको संतान न हूई हो । अपसूता स्त्री (को॰) ।

३९. तपे हुए सोने के वर्ण की एक विशिष्ट प्रकार की स्त्री । वह स्त्री जो शीतऋतु से सुखद ऊष्मायुक्त और ग्रीष्म में सुखद शीतल हो (को॰) ।

४०. छाया ।

४१. कालिका देवी का एक नाम ।

श्यामा ^२ वि॰

१. तपाए हुए सोने के समान वर्णवाली ।

२. श्याम रंगवाली । काली ।