सँहरना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सँहरना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ संहार] नष्ट होना । उ॰—हैहय मारे नृपजन सँहरे । सो जस लै किन जुग जुग जीजै ।—केशव (शब्द॰) ।