संकोच

विक्षनरी से

हिन्दी

क्रिया

  1. सिकुड़ने की क्रिया

संज्ञा

  1. एक प्रकार का भाव, झिझक, हिचक

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

संकोच संज्ञा पुं॰ [सं॰ सङ्कोच]

१. सिकुड़ने की क्रिया । खिचाव । तनाव । जैसे, अंगसंकोच, गात्रसंकोच ।

२. लज्जा । शर्म ।

३. भय ।

४. आगा पीछा । पसोपेश । हिचकिचाहट ।

५. कभी ।

६. एक प्रकार की मछली ।

७. केसर । कुमकुम ।

८. एक अलंकार जिसमें 'विकास अलंकार' से विरुद्ध वर्णन होता है या किसी वस्तु का अतिशय संकोच वर्णन किया जाता है ।

९. बहुत सी बातों को थोड़े में कहना ।

१०. बंद होना । मुँदना । जैसे, कमलसंकोच, नेत्रसंकोच (को॰) ।

११. शुष्क होना । सूखना । उ॰—जलसंकोच विकल भइ मीना ।—मानस, ४ । २० ।

१२. बंधन । बंध (को॰) । झुकना । नम्र होना (को॰) । यौं॰—संकोचकारी = (१) नम्र होनेवाला । (२) लज्जालु । शरमीला । संकोचपत्रक । संकोचपिशुन । संकोचरेखा = सिकुड़न की रेंखा । झुरीं ।