सत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सत ^१ वि॰ [हिं॰] दे॰ 'सत्' ।
सत ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सत्] सत्यतापूर्ण धर्म । मुहा॰—सत पर चढ़ना = पति के मृत शरीर के साथ सती होना । सत पर रहना = पतिव्रता रहना । सती रहना ।
सत ^३ वि॰ [सं॰ शत] दे॰ 'शत' ।
सत ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सत्व]
१. किसी पदार्थ का मूल तत्व । सार भाग । जैसे,—मुलेठी का सत ।
२. जीवनी शक्ति । ताकत । जैसे,— चार दिन के बुखार में शरीक का सारा सत निकल गया ।
सत ^५ वि॰ [सं॰ सप्त]
१. 'सात' (संख्या) का संक्षिप्त रूप जिसका व्यवहार यौगिक शब्द बनाने में होता है । जैसे,—सतमंजिला ।