सत्यनारायण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सत्यनारायण संज्ञा पुं॰ [सं॰] विष्णु भगवान् का एक नाम जिसके संबंध में एक कथा रची गई है । इस कथा का प्रचार आजकल बहुत है । विशेष— ऐसा पता लगता है कि अकबर के समय बंग देश में अकबर के नए मत 'दीन इलाही' के प्रचार के लिये पहले पहले यह कथा किसी पंडित से लिखाई गई थी और उसका रुप कुछ दूसरा ही था । जेसे, नारद और विष्णु का संवाद उसमें न था, और 'दंडी' के स्थान पर शाह या पीर नाम था । पीछे पंडितों ने उस कथा में आवश्यक परिवर्तन करके पौराणिक हिंदूधर्म के अनुकूल कर लिया और वह उसी परिवर्तित रुप में प्रचलीत हुई । बंग भाषा में भी सत्यपीर की कथा के नाम से यह कथा पाई गई है ।