सन्तान
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]संतान संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्तान]
१. बालबच्चे । लड़के बाले । संतति । औलाद ।
२. कल्पवृक्ष । देवतरु ।
३. वंश । कुल ।
४. विस्तार । फैलाव ।
५. वह प्रवाह जो अविच्छिन्न रूप से चलता हो । धारा ।
६. प्रबंध । इंतजाम ।
७. महाभारत के अनुसार प्राचीन- काल के एक प्रकार के अस्त्र का नाम ।
८. विचारों का अविच्छिन्न क्रम । विचारधारा ।
९. रग । स्नायु नस (को॰) । यौ॰—संतानकर्म = संतति उत्पादन । संतानकर्ता = संतान पैदा करनेवाला । संतानगणपति । संतानगोपाल । संताननिग्रह = दे॰ 'संततिनिरोध' । संतानवर्धन = (१) वंश बढ़ाना । (२) संतान को बढ़ानेवाला । संतानसंधि ।
संतान गणपति संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्तान गणपति] पुराणानुसार एक प्रकार के गणपति का नाम ।
संतान गोपाल संज्ञा पुं॰ [सं॰ सन्तान गोपाल] संतति देनेवाले कृष्ण । वासुदेव कृष्ण जिनकी पूजा संतानप्राप्ति के लिये की जाती है [को॰] ।