साग
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
साग ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शाक] पौधों की खाने योग्य पत्तियाँ । शाक । भाजी । जैसे,—सोए, पालक, बथुए, मरसे आदि का साग ।
२. पकाई हुई भाजी । तरकारी । जैसे,—आलू का साग, कुम्हडे का साग । (वैष्णव) । यौ॰—सागपात = कंदमूल । रूखासूखा भोजन । जैसे, जो कुछ सागपात बना है, कृपा करके भोजन कीजिए । मुहा॰—सागपात समझना = बहुत तुच्छ समझना । कुछ न समझना ।
साग पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ शक्ति, हिं॰ साँग] दे॰ 'साँग' । उ॰— गहि सुभ साग उद्द कर लिंनिय । लखत पसर सावंतन किंनिय ।—प॰ रासो॰, पृ॰ १२० ।