सिम्त

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सिम्त संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] ओर । तरफ । दिशा । उ॰—इस हिंद से सब दूर हुई कुफ्र की जुल्मत, की तूने व रहमत, नक्कारण ईमाँ को हरेक सिम्त बजाया ।—भारतेंदु ग्रं॰ १, पृ॰ ५३० ।