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सूक्ष्म

विक्षनरी से

संज्ञा

  1. इतना छोटा कि मनुष्य की आँख नहीं देख सकती। इसे देखने हेतु सूक्ष्मदर्शी का उपयोग किया जाता है।

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

सूक्ष्म ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ सूक्ष्मा]

१. बहुत छोटा । जैसे,—सूक्ष्म- जंतु ।

२. बहुत बारीक या महीन । जैसे,—सूक्ष्म बात ।

३. उत्तम । श्रेष्ठ । कलात्मक । उम्दा (को॰) ।

४. तेज । चोखा (को॰) ।

५. ठीक । सही (को॰) ।

६. कोमल । मृदु (को॰) ।

७. धूर्च । चालाक ।

सूक्ष्म ^२ संज्ञा पुं॰

१. परमाणु । अणु ।

२. परब्रह्म ।

३. लिंगशरीर ।

४. शिव का एक नाम ।

५. एक दानव का नाम ।

६. एक काव्यालंकार जिसमें चित्तवृत्ति को सूक्ष्म चेष्टा से लक्षित कराने का वर्णन होता है ।दे॰'सूक्ष्म' ।

७. निर्मली ।

८. जीरा । जीरक ।

९. छल । कपट ।

१०. रीठा । अरिष्टक ।

११. सुपारी । पूग ।

१२. वह ओषधि जो रोमकूप के मार्ग से शरीर में प्रविष्ट करे । जैसे —नीम, शहद, रेंडी का तेल, सेंधा नमक, आदि ।

१३. बृहत्संहिता के अनुसार एक देश का नाम ।

१४. जैनियों के अनुसार एक प्रकार का कर्म जिसके उदय से मनुष्य सूक्ष्म जीवों की योनि में जन्म लेता है ।

१५. योग की तीन शक्तियों में से एक (को॰) ।

१६. दाँत का खोखला या खोढ़र (को॰) ।

१७. सूक्ष्म होने का भाव । सूक्ष्मता (को॰) ।

१८. बारीक, महीन या उत्तम डोरा (को॰) ।