सूक्ष्म
संज्ञा
- इतना छोटा कि मनुष्य की आँख नहीं देख सकती। इसे देखने हेतु सूक्ष्मदर्शी का उपयोग किया जाता है।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
सूक्ष्म ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ सूक्ष्मा]
१. बहुत छोटा । जैसे,—सूक्ष्म- जंतु ।
२. बहुत बारीक या महीन । जैसे,—सूक्ष्म बात ।
३. उत्तम । श्रेष्ठ । कलात्मक । उम्दा (को॰) ।
४. तेज । चोखा (को॰) ।
५. ठीक । सही (को॰) ।
६. कोमल । मृदु (को॰) ।
७. धूर्च । चालाक ।
सूक्ष्म ^२ संज्ञा पुं॰
१. परमाणु । अणु ।
२. परब्रह्म ।
३. लिंगशरीर ।
४. शिव का एक नाम ।
५. एक दानव का नाम ।
६. एक काव्यालंकार जिसमें चित्तवृत्ति को सूक्ष्म चेष्टा से लक्षित कराने का वर्णन होता है ।दे॰'सूक्ष्म' ।
७. निर्मली ।
८. जीरा । जीरक ।
९. छल । कपट ।
१०. रीठा । अरिष्टक ।
११. सुपारी । पूग ।
१२. वह ओषधि जो रोमकूप के मार्ग से शरीर में प्रविष्ट करे । जैसे —नीम, शहद, रेंडी का तेल, सेंधा नमक, आदि ।
१३. बृहत्संहिता के अनुसार एक देश का नाम ।
१४. जैनियों के अनुसार एक प्रकार का कर्म जिसके उदय से मनुष्य सूक्ष्म जीवों की योनि में जन्म लेता है ।
१५. योग की तीन शक्तियों में से एक (को॰) ।
१६. दाँत का खोखला या खोढ़र (को॰) ।
१७. सूक्ष्म होने का भाव । सूक्ष्मता (को॰) ।
१८. बारीक, महीन या उत्तम डोरा (को॰) ।