सोक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सोक ^१ संज्ञा पुं॰ [देश॰] चारपाई बुनने के समय बुनावट में का वह छेद जिसमें से रस्सी या निवार निकाल कर कसते हैं ।

सोक ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शोक, प्रा॰ सोक]दे॰ 'शोक' । उ॰— समन पाप संताप सोक के । प्रिय पालक परलोक लोक के । — तुलसी (शब्द॰) ।