स्यार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्यार संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सिय़ार] [स्त्री॰ स्यारनी] सियार । गीदड़ । श्रृंगाल । उ॰—स्यार कटकटै लगे सबन सों डटै लगे, अंग खंड तटै लगे सोनित को चटै लगे । —गोपाल (शब्द॰) । यौ॰—स्यारजन=श्रृगाल की तरह कायर व्यक्ति । स्यारपन । स्यार लाठी ।