हँकराना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
हँकराना क्रि॰ स॰ [हिं॰ हाँक]
१. हाँक देकर बुलाना । जोर से आवाज लगाकर किसी दूर के मनुष्य को संबोधन करना ।
२. बुलाना । पुकारना । उ॰—मोहन ग्वाल सखा हँकराए ।—सूर (शब्द॰) ।
३. पुकारने का काम दूसरे से कराना । बुलवाना । उ॰—(क) राजा सब सेवक हँकराई । भाँति भाँति की वस्तु मँगाई ।—विश्राम (शब्द॰) । (ख) राजा छरीदार हँकराई ।—कबीर मं॰, पृ॰ ५०० ।