हटक संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हटकना] १. वारणा । वर्जन । मुहा॰—हटक मानना = मना करने पर किसी काम से रुकना । निषेध का पालन करना । उ॰—बंसी धुनि मृदु कान परत ही गुरुजन हटक न मानति ।—सूर (शब्द॰) । २. गायों को हाँकने की क्रिया या भाव ।