हरिजन संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. भगवान् का दास । ईश्वर का भक्त । उ॰—धर्मशास्त्र तीरथ हरिजन कर, निंदा करत मुनहु दुख तिनकर ।—कबीर सा॰,पृ॰ ४६५ । २. अछूत कही जानेवाली जाति का व्यक्ति । निग्नवर्ण का व्यक्ति । शूद्र ।