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हरिशंकर

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हरिशंकर संज्ञा पुं॰ [सं॰ हरिशङ्कर]

१. विष्णु और शिव ।

२. एक रसौषध जो पारे और अभ्रक के योग से बनती है और प्रमेह में दी जाती है । विशेष—शुद्ध पारे और अभ्रक को लेकर सात दिन तक आँवले के रस में घोंटते हैं, फिर सुखाकर एक रत्ती की मात्रा में देते हैं ।