हारना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हारना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ हारि, हिं॰ हार+ना (प्रत्य॰) अथवा सं॰ हृत या हारित, प्रा॰ हारिअ, हिं॰ हारि]
१. युद्ध, क्रीड़ा, प्रतिद्बंद्विता आदि में शत्रु के सामने असफल होना । लड़ाई, खेल, बाजी या लाग डाँट में दूसरे पक्ष के मुकाबिले में न जीत सकना । पराभूत होना । परजित होना । शिकस्त खाना । जैसे,—लड़ाई में हारना, खेल या बाजी में हारना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।
२. व्यवहार या अभियोग में दूसरे पक्ष के मुकाबिले में कृतकार्य न होना । मुकदमा न जीतना । जैसे,—मुकदमे में हारना ।
३. श्रांत होना । शिथिल होना । थक जाना । प्रयत्न में निराश होना । असमर्थ होना । जैसे,—जब वह उसे न ले सका, तब हारकर बैठ गया । यौ॰—हारा माँदा । मुहा॰—हारे दर्जे=(१) सब उपायों से निराश होकर और कुछ बस न चलने पर । (२) लाचार होकर । विवश होकर । हारकर=(१) असमर्थ होकर । (२) लाचार होकर ।
हारना ^२ क्रि॰ स॰
१. लड़ाई, बाजी आदि को सफलता के साथ न पूरा करना । जैसे,—बाजी हारना, दाँव हारना ।
२. नष्ट करना या न प्राप्त करना । गँवाना । खोना । जैसे,—प्राण हारना, धन हारना ।
३. छोड़ देना । न रख सकना । जैसे,—हिम्मत हारना । दे देना । प्रदान करना । जैसे,—बचन हारना ।