हिंसन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हिंसन संज्ञा पुं॰ [सं॰, वि॰ हिंसनीय, हिंसित, हिंस्य]

१. जीवों का वध करना । जान मारना । घात करना । उ॰—गोभक्षन द्बिज श्रुति हिंसन नित जासु कर्म मैं ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ५४० ।

२. जीवों को पीड़ा पहुँचाना । कष्ट देना । सताना । पीड़न ।

३. बुराई करना । अनिष्ट करना या चाहना ।

४. वैरी । शत्रु । दुश्मन (को॰) ।