पुल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पुल ^१ संज्ञा पुं॰ [फा॰] किसी नदी, जलाशय, गड्ढे या खाई के आर पार जाने का रास्ता जो नाव पाटकर या खंभों पर पटरियाँ आदि बिछाकर बनाया जाय । सेतु । मुहा॰— पुल बँधना = पुल तैयार होना । पुल बाँधना = पुल तैयार करना । (किसी बात) का पुल बँधना = ढेर लगना । झड़ी बँधना । बहुत अधिकता होना । लगातार बहुत सा होना । (किसी बात का) पुल बाँधना = ढेर लगाना । झड़ी बाँधना । बहुत अधिकता कर देना । अतिशय करना । जैसे, बातों का पुल बाँधना, तारीफ का पुल बाँधना । पुल टूटना = (१) पुल गिर पड़ना । (२) बहुतायत होना । अधिकता होना । अटाला या जमघट लगना । जैसे,— देखने के लिये आदमियों का पुल टूट पड़ा ।

पुल ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पुलक । रोमांच ।

२. शिव का एक अनुचर ।

पुल ^३ वि॰ विपुल । बहुत सा ।

पुल ^४ संज्ञा पुं॰ [तु॰] पैसा । पण [को॰] ।