अस्थिर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

अस्थिर ^१ वि॰ [सं॰]

१. जो स्थिर न हो । चंचल । चलायमान । डाँवाँडोल । उ॰—दावाग्नि-प्रखर लपटों ने कर दिया सघन बन अस्थिर ।-कामायमी, पृ॰ २८१ ।

२. —बे ठौरठिकाने का । जिसका कुछ ठीक न हो । उ॰—यों ही लगा बीतने उनका जीवन अस्थिर दिन दिन ।—कामायनी, पृ॰ ३३ ।

अस्थिर ^२पु [सं॰ स्थिर] जो चंचल न हो । स्थिर उ॰—भक्तनि हाट बैठि अस्थिर ह्व, हरि नग निर्मल लेहि काम-क्रोध मद- लोभ—मोह तू सकल दलाली देहि ।—सूर॰, १ । ३१० ।