आइना † संज्ञा पुं॰ [फा॰ आइनह्] दे॰ ' आईना' । उ॰— है निराली प्रभु- कला जिसमें बसी, सवह निराला आईना है फूटता । - चोखे॰, पृ॰ २३ ।