इठलाना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
इठलाना क्रि॰ अ॰ [देश॰]
१. इतराना । ठसक दिखाना । गर्वसूचक चेष्टा करना । जैसे,—क्षुद्र मनुष्य थोड़े में ही इठलाने लगते हैं ।
२. मटकना । नखरा करना । उ॰—पाइहैं पकरि तब पाइ है न कैसे हूँ, तू थोर इठलात वे तो अति इठलात हैं ।—केशव (शब्द॰) ।
३. छकाने के लिये जान बूझकर अनजान बनना । छकाने के लिये जान बूझकर किसी काम को देर में करना । जैसे,—(क) इठलाओ मत, बताओ किताब कहाँ छिपाई है । (ख) इठलाओ मत जैसै कहते हैं, वैसा करो ।