काश

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

काश ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक प्रकार को घास । काँस ।

२. खाँसी ।

३. एक प्रकार का चूहा ।

४. एक मुनि का नाम ।

५. शोभा । दीप्ति । उज्वलता (को॰) ।

काश ^२ अव्य॰ [फा॰] दुःख और चाह आदि को व्यक्त करनेवाला पद । अतृप्त इच्छा और प्रार्थना के स्थान पर यह शब्द प्रयुक्त होता है । खुदा करता । उ॰—दूबदू मारे शर्म के हमारी आखें ही न उठती थी । आह काश मालूम हो जाता किस बेरहम ने तुझपर कातिल वार किया ।—काया॰ पृ॰ ३३५ ।