किव

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

किव पु अव्य॰[अध॰ किवँ] कैसे । उ॰— आज उमाहउ मो घणाउ, ना जाणूँ किव केण । पुरुष परायउ वीर वड़, अहइ फुरक्कि केण ।—ढोला॰, दू॰, ५१८ ।