गुलेल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

गुलेल ^१ संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ गिलूल] वह कमान या धनुष जिससे चिड़ियों और बंदरों आदि को मारने के लिये मिट्टी की गोलियाँ चलाई जाती हैं । उ॰—(क) गुप्त गुलेल सोलयें धारे । रिपु चिरई दिन लाखक मारे ।—हनुमान (शब्द॰) । (ख) तिलक विंदु को मानि निशाना । गूरा हनत गुलेल महाना ।— रघुराज (शब्द॰) ।

गुलेल ^२ † संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ गिलोय] दे॰ 'गुरुच' ।