घड़िदिआ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

घड़िदिआ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ घड़ी + दीआ = दीपक] वह घड़ा जो घर के किसी प्राणी के मरने पर घर में रखा जाता है और १०—१२ दिनों तक रहता है । घड़े के पेंदे में बहुत छोटा छेद कर दिया जाता है जिसमें से होकर बूँद—बूँद पानी टपकता हैं और मुँह पर एक दीपक जलाकर रख दिया जात है । इसे घंट भी कहते हैं । क्रि॰ प्र॰—बांधना ।