चंडरसा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चंडरसा संज्ञा पुं॰ [सं॰ चण्डरसा] एक वर्णवृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में एक नगण और एक यगण होता है । इसी को चौबंसा, शशिवदना और पादांकुलक भी कहते हैं । जैसे,— नय धरु एका, न अनेका । गहु पन साखो, शशिवदना सो ।