चख
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
चख ^१पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ चक्षुस्] आँख । उ॰—मन समुद्र भयो सूर को, सीप भये चक लाल ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ ३, पृ॰ ७३ । मुहा॰—चख से मसि चुराना पु = दे॰ 'आँख का काजल चुराना' । उ॰—अस बड़ चोर कहत नहि आवै । चोरि कें चखन ते मसिहि चुरावै । नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २४६ ।
चख ^२ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ या अनु॰] [वि॰ चखिया] झगडा़ । तकरार । कलह । टंटा । यौ॰—चख चख = तकरार । बकबक । झकझक । कहासुनी ।